कुछ सतरंगी पल दामन में अभी भी बंधे हुए हैं! कुछ सतरंगी पल दामन में अभी भी बंधे हुए हैं!
प्रेम में कविता प्रेम में कविता
दिल में उठ रहीं हैं कसक सह रहा है तू क्यूँ आज तक ? दिल में उठ रहीं हैं कसक सह रहा है तू क्यूँ आज तक ?
खत्म कहानी अपनी दिलबर, तुमने मुझे आजाद किया! खत्म कहानी अपनी दिलबर, तुमने मुझे आजाद किया!
बंधन की बेड़ी तोड़कर ये जीवन इन्हें जीने दो इनके लफ़्ज़ों को घुटन में मत पीने दो। बंधन की बेड़ी तोड़कर ये जीवन इन्हें जीने दो इनके लफ़्ज़ों को घुटन में मत पीने दो।
याद आती हो तुम हर सांस के साथ कसम से जूझ राहा हूँ बेबसी में दम तोड़के कतरा कतरा में बिखर र... याद आती हो तुम हर सांस के साथ कसम से जूझ राहा हूँ बेबसी में दम तोड़के ...